
राज्य प्रवक्ता
देहरादून में वीर भूमि फाउंडेशन और उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) की ओर से यूपीसीएल के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए पैनल में शामिल आयुरमैक्स अस्पताल की ओर से जागरूकता स्वास्थ्य शिविर एवं निशुल्क पैथोलॉजी जांच शिविर का आयोजन किया गया।
बुधवार को कावली स्थित यूपीसीएल के मुख्यालय के सभागार में आयोजित जागरूकता शिविर में आयुरमैक्स अस्पताल बल्लीवाला चौक के वरिष्ठ आयुर्वेद फिजिशियन डॉक्टर अरविंद चौधरी, वरिष्ठ आयुर्वेद सर्जन, गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट, लेजर एवं क्षार सूत्र विशेषज्ञ डॉक्टर ललित चौधरी और पीसीओडी, इनफर्टिलिटी एंड महिला एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. रेखा चौधरी ने यूपीसीएल कर्मियों को स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न टिप्स दिए।
डॉ अरविंद चौधरी ने कहा कि आयुर्वेद को लेकर विभिन्न तरह की भ्रांतियां है। लेकिन आयुर्वेद सिर्फ लक्षणों को ही ठीक नहीं करता बल्कि बीमारी को जड़ से समाप्त करता है। उन्होंने कहा कि अन्य किसी भी पैथी की तरह आयुर्वेदिक दवाइयों का भी बिना क्वालिफाइड आयुर्वेदिक डॉक्टर के इस्तेमाल करना हानिकारक साबित हो सकता है। इसलिए किसी योग्य आयुर्वेद डॉक्टर की सलाह पर ही आयुर्वेद का उपचार कराएं। पंचकर्म और साधारण मसाज के अंतर को उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि पंचकर्म मेडिकेटेड ऑयल से कराया जाता है। तेल में स्किन में आयुर्वेद दवाओं के रूप में सिस्टम में जाकर अपना प्रभाव दिखाती है। पंचकर्म से आयुर्वेदिक दवाओं को शरीर में भेजा जाता है। आजकल स्पा सेंटर में पंचकर्मा के नाम पर जो मसाज की जा रही है वह आयुर्वेद नहीं है। इस दौरान उन्होंने यूपीसीएल कर्मियों के स्वास्थ्य संबंधी समस्यायों के समाधान भी बताए।
गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट, लेजर एवं क्षार सूत्र विशेषज्ञ डॉक्टर ललित चौधरी पाइल्स फिशर एवं फिस्टुला के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन सब बीमारियों से बचने के लिए हमें अपनी जीवनशैली और खानपान में सुधार लाना होगा। आजकल की आपाधापी और दौड़भाग वाली जिंदगी में इंसान अपने स्वास्थ्य की तरफ कम ध्यान दे रहा है। जिससे उसे कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टर ललित चौधरी ने कहा कि आयुर्वेद सिर्फ एक इलाज की पैथी ही नहीं बल्कि जीवन जीने की एक शैली है। जो हजारों वर्षों से भारतीय समाज में चलती आ रही है, लेकिन कुछ वजह से आयुर्वेद को भ्रांति में रखने का कार्य किया गया। फिर भी अगर आयुर्वेद की महत्ता आज तक बरकरार है तो इसके पीछे अच्छे रिजल्ट हैं। उन्होंने कहा कि इन बीमारियों में पहले चरण में ही आयुर्वेद उपचार ले लिया जाए तो इसका उपचार किया जा सकता है। आयुर्वेद मैं इसका स्थाई उपचार है।
डॉ. रेखा चौधरी ने पीसीओडी, इनफर्टिलिटी और महिला एवं प्रसूति रोग से संबंधित जानकारी दी। साथ ही यूपीसीएल कर्मियों खासकर महिला कर्मियों के सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने बच्चों की इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए स्वर्ण प्राशन पर भी जोर दिया और इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी।
वीरभूमि फाउंडेशन के अध्यक्ष राजेश रावत ने कहा कि आयुर्वेद विभिन्न जटिल रोगों का उपचार करने में सक्षम है। उन्होंने यूपीसीएल कर्मियों को स दान के प्रति जागरूक किया साथ ही बताया कि वीरभूमि फाउंडेशन हर 3 महीने में स्वेच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन करता है। रक्तदान करने से समय रहते विभिन्न बीमारियों का पता भी लग जाता है। साथ ही रक्तदान से शरीर में नया खून बनता है जिससे शरीर स्वस्थ रहता है। इससे पहले यूपीसीएल के महाप्रबंधक मानव संसाधन डीएस खाती जी ने डॉक्टरों और वीरभूमि फाउंडेशन के अध्यक्ष का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। इस मौके पर आयोजित पैथोलॉजी जांच शिविर में 60 से अधिक कर्मियों की निशुल्क जांच भी हुई।