
राज्य प्रवक्ता
भू-बैकुंठ बदरीनाथ में पंच पूजाओं के साथ मंदिर के कपाट बंद होने की प्रक्रियाएं शुरु हो गई हैं। गणेश मंदिर और आदि केदारेश्वर के कपाट विधि विधान से बंद कर दिए गए हैं। श्री बदरीनारायण धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रियाओं के तहत मंदिरों क्रमबद्ध कपाट बंद होने के साथ ही भगवान गणेश ने मंगलवार को मंदिर गर्भगृह में प्रवेश कर लिया है। भगवान गणेश के गर्भ गृह में प्रवेश के बाद यहां विशेष पूजाओं के साथ भगवान बदरी विशाल और गणेश जी का अभिषेक किया गया। गणेश मंदिर के कपाट बंद होने की प्रक्रिया बदरीनाथ के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल व वेदपाठियों की मौजूदगी में संपन्न करवाई गई। इस प्रक्रिया में आज (बुधवार) को तप्त कुंड के समीप स्थित आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे। जिसके बाद क्रमशः 17 नवंबर को खडग पुस्तक के पूजन के साथ ही धाम में वेद ऋचाओं का पाठ बंद कर दिया जाएगा। 18 नवंबर को मां लक्ष्मी से गर्भ गृह में प्रवेश के लिये न्यौता दिया जाएगा। जिसके बाद 19 नवम्बर को रावल सखी का वेषधारण कर माता लक्ष्मी को गर्भगृह में विराजमान करवाने व माणा के ग्रामीणों द्वारा चढाया गया घृत कंबल भगवान नारायण को ओढाने के बाद विधि विधान से बदरीनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिये बंद कर दिये जाएंगे।