
बदरीनाथ जी के कपाट आज होंगे बंद, सुबह हुई अभिषेक और पुष्प श्रृंगार पूजा
राज्य प्रवक्ता
भगवान बदरीनाथ जी के कपाट आज शीतकाल के लिए अपराह्न 3 बजकर 35 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। सुबह 5:00 बजे से कपाट बंद करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इससे पूर्व शुक्रवार को धाम में कढाई भोग भगवान को समर्पित करने के साथ ही मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना की गई और लक्ष्मी जी को गर्भगृह प्रवेश के लिये आमंत्रित किया गया। कपाट बंद होने से दो दिन पहले गुप्त और मौन पूजाएं की जाती हैं। बदरी नाथ मंदिर परिसर में स्थित लक्ष्मी मंदिर में मुख्य पुजारी ईश्वर प्रसाद नम्बूरी ने माता लक्ष्मी की विशेष पूजाएं पूर्ण की । मंदिर समिति ने मंदिर परिसर को गेंदे के फूलों से सजाया है।
कपाट बंद होने के पवित्र अवसर पर अंखंड ज्योत के दर्शनों को आस्थावान बड़ी संख्या पहुंचे हैं। अभिषेक पूजा के बाद पूरे दिन मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिये खुले रहेंगे।
सुबह 5:00 से कपाट बंद होने तक की पूजाएं
सुबह 6:00 – प्रतिदिन होने वाली पूजाएं ।
सुबह 6 :30 – श्रद्धालुओं के दर्शन की प्रक्रिया होगी शुरु।
सुबह 10 :00 – धर्माधिकारी व वेदपठियों द्वारा स्वस्ति वाचन।
शाम 2:00 – मुख्य पुजारी रावत, साडी पहन, श्रृंगार कर मां लक्ष्मी का रूप धारण मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करेंगे।
शाम 2: 30 – बदरी धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रियाएं होगी।
और शाम 3 :35 – शीतकाल के लिए बदरीनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि कपाट बंद होने के अब लक्ष्मी नारायण की छह माह देवताओं द्वारा पूजा की जाती है।
21 नवम्बर को शंकराचार्य गद्दी जोशीमठ स्थित नृसिंह मंदिर पहुंचेगी। इस बार नव नियुक्त शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद भी यात्रा में शामिल रहेंगे।