राज्य प्रवक्ता
फूलों की घाटी की तरह महकती चेनाप घाटी प्रकृति प्रेमियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। यहां करीब वन विभाग ने एक अध्ययन में उल्लेख किया है कि इस घाटी में 315 प्रजाति के पुष्प खिलते हैं। दूर तक महकती इस घाटी का सौंदर्य देखते ही बनता है लेकिन प्रचार प्रसार के अभाव में यह फूलों से महकती और पक्षियों के कलरव से चहचाती इस घाटी में सीमित लोग ही पहुंचते हैं। सरकार और पर्यटन विभाग को इसके विकास की योजनाएं भी दी गई लेकिन कुछ भी नहीं हो पाया। जोशीमठ ब्लॉक में स्थित चेनाप घाटी दूसरी फूलों की घाटी कहलाती है। घाटी में हिमालयी फूलों के साथ ही जड़ी-बूटियों का अनुपम संसार हैं। थैंग गांव से इस घाटी का रास्ता जाता है लेकिन मार्ग में सुविधाओं का अभाव है। जिला पर्यटन अधिकारी एसएस राणा का कहना है कि चेनाप के विकास के लिए प्रस्ताव तैयार किये गये हैं। उच्चाधिकारियों की स्वीकृति का इंतजार है।
कहां है और कैसे पहुंचे चेनाप घाटी
जोशीमठ के सोना शिखर पर स्थित थैंग से करीब 18 किमी की दूरी पर उच्च हिमालयी क्षेत्र में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। चेनाप घाटी ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर जोशीमठ के समीप मारवाड़ी पुल से तीन दिनों की पैदल यात्रा कर चेनाप घाटी पहुंचा जा सकता है। यहां पहुंचने के लिए जोशीमठ से करीब 28 किमी की दूरी तय करनी होती है। जिसमें 10 किमी सड़क मार्ग तथा करीब 18 किमी पैदल दूरी है। ट्रैकिंग के मार्ग में दो पड़ाव हैं। पहले दिन मारवाड़ी से करीब आठ किमी की दूरी पर स्थित थैंग, दूसरे दिन थैंग गांव से छह किमी की दूरी तय कर धार खर्क तथा तीसरे दिन धार खर्क से चार किमी की दूरी तय कर चेनाप घाटी पहुंचते हैं।