आखिर जनरल वीके सिंह ने बौखनाग से क्या मांगा और धामी…..
राज्य प्रवक्ता
ऑलवेदर रोड सिलक्यारा की सुरंग में फंसे चालीस मजूदरों कब तक बाहर आ पाएंगे यह कहना अभी मुश्किल है। हाई पॉवर मशीन से ड्रिल किया जा रहा लेकिन ड्रिलिंग में सुरंग की भीतर फंसी मशीनें और कंपनी द्वारा लगाए गए सरिए भूस्खलन के दवाब के चलते मलबे के साथ नीचे आ गए थे और अब ये सरिया और फंसी हुई मशीनों की वजह से पाइप ड्रिलिंग में दिक्कतें आ रही हैं। आईटीबीपी और एनडीआरएफ लगातार कार्य कर रही है और भरसक कोशिश है कि मजदूरों को हर हाल में बाहर निकाला जाए। फिलवक्त मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस प्रकरण पर पैनी नजर जमाए हुए हैं। इसकी पल-पल की खबर वे दिल्ली प्रधानमंत्री कार्यालय को भी दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने एक बार फिर अधिकारियों को स्पष्ट कहा है कि चाहे जो हो और जो भी संसाधन चाहिए इस्तेमाल कर श्रमिकों को बाहर निकालों। धामी बोले के वे श्रमिकों के परिजनों की तर्ज पर भी पीड़ा महसूस कर रहे हैं और जैसे उनके अपने देखना चाहते हैं वैसे ही वे भी चाहते हैं कि श्रमिक को जल्दी बाहर निकालने में सफलता मिले। इसके लिए मुख्यमंत्री धामी ईश्वर से लगातार प्रार्थना भी कर रहे हैं। इधर कल जनरल वीके सिंह ने सिलक्यारा में बौखनाथ देवता की पूजा अर्चना कर रेस्क्यू को सफल बनाने के लिए प्रार्थना की। ग्रामीणों की मान्यता है कि यह पूरा क्षेत्र बौखनाथ नाग क्षेत्र है और यहां उनकी अनुमति के बगैर कुछ नहीं होता। असल में इस पर्वत के शीर्ष पर बौखनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है और यहां सेम नागराजा की तर्ज पर मेला भी लगता है। स्थानीय गांव के लोग बगैर बौखनाग की पूजा के कुछ भी नहीं करते। ग्रामीणों का मानना है कि इस क्षेत्र में सुरंग बनाने से पहले बौखनाग से पूछा जाना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ग्रामीण यह भी मानते हैं कि इस सुरंग का निर्माण होना लगभग असंभव है। यह कितना सच है यह भविष्य ही जाने लेकिन फिलवक्त सभी प्रकार से फंसे हुए श्रमिकों को बाहर निकालने की कोशिश हो रही है।