राज्य प्रवक्ता
प्रदेश में आज 97 नगर निगमों समेत 97 नगर निकायों का कार्यकाल समाप्त हो गया है। इन नगर निगमों व निकायों को अब अगले छह माह के लिए प्रशासकों को सौंप दिया गया है्। जिलाधिकारी नगर निगमों व निकायों में प्रशासक की जिम्मेदारी संभालेंगे। अगले छह माह तक प्रशासकों की देखरेख में निकाय और निगमों का कार्य चलेगा। इस बीच सरकार को चुनाव की तैयारियां करनी है और उधर प्रत्याशियों ने भी तैयारियां शुरू कर दी है। इतने समय में प्रत्याशी तैयारियों को परवान चढ़ा सकते हैं। दो निकायों नगर निगम रुड़की व नगर पालिका परिषद बाजपुर का कार्यकाल अगले साल समाप्त होगा। इसके अलावा बद्रीनाथ, केदारनाथ व गंगोत्री नगर पंचायतों में चुनाव नहीं होते, इनकी जिम्मेदारी प्रशासक ही संभालते हैं। वहीं्र नगर निगम और नगर पालिका अधिनियम के अनुसार कार्यकाल खत्म होने से 15 दिन पहले अथवा बाद में निकायों के चुनाव कराए जाने चाहिए लेकिन राज्य में अभी चुनाव की स्थिति न बन पाने पर निकायों को छह माह के लिए प्रशासकों के हवाले किया जा सकता है। प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
कब होंगे चुनाव
स्थानीय निकायों के परिसीमन, रोस्टर प्रणाली के तहत वार्डों और निकायों के अध्यक्षों के आरक्षण के लिए अगले कुछ समय तक बोर्डों की जिम्मेदारी जिलाधिकारियों के पास ही रहेगी। फरवरी या मार्च में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता भी लागू होने की संभावना है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब स्थानीय निकायों के चुनाव लोकसभा चुनाव के बाद ही होंगे।