हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों के साथ और भी बहुत कुछ है यहां…..
राज्य प्रवक्ता
उत्तराखंड में स्थित चार धाम के द्वार भले ही बंद हो चुके हों लेकिन अब सुंदर मौसम, न ठंड न गर्मी और न ही बरसात का डर। प्रकृति चारों ओर से खुली हुई है। हिमालय की बर्फ से ढकी सुंदर चोटियां स्पष्ट नजर आ रही है। ये ही सबसे सुनहरा अवसर है जब आप उत्तराखंड की सुंदरता को आंखों में बसा सकते हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के बंद होने के बाद जहां शीतकाल में उद्धव व कुबेर जी के दर्शन पांडुकेश्वर और शंकराचार्य गद्दी के दर्शन नृसिंह मंदिर जोशीमठ में होंगे।
पांडुकेश्वर व जोशीमठ के द्वार साल भर खुले रहते हैं लेकिन इनके अलावा कई और भी स्थल हैं।
मां नंदा सिद्घपीठ कुरुड़ मंदिर
बदरीनाथ हाईवे पर ऋषिकेश से 190 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नंदप्रयाग से नंदानगर सड़क पर 25 किलोमीटर की दूरी तय कर कुरुड़ गांव में उत्तराखंड की अधिष्ठात्री देवी मां नंदा मंदिर के दर्शन किये जा सकते हैं। यहां मां नंदा को भगवान शिव की पत्नी के रूप में पूजा जाता है।
संतानदायिनी माता अनसूया मंदिर
चमोली-ऊखीमठ सड़क पर गोपेश्वर से 8 किमी की सड़क और पांच किमी की पैदल दूरी पर संतानदायनी अनसूया माता मंदिर पहुंचा जा सकता है।
यह मंदिर निर्जन जंगल में स्थित है, प्रतिवर्ष दत्तात्रेय पर्व पर यहां दो दिवसीय अनसूया माता मेला आयोजित होता है, मंदिर में निसंतान दंपत्ति संतान कामना लेकर पहुंचते हैं।
गोपीनाथ मंदिर
गोपेश्वर नगर क्षेत्र में स्थित गोपीनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह गढ़वाल क्षेत्र का सबसे बढ़ा मंदिर है। यह मंदिर भगवान रुद्रनाथ का शीतकालीन प्रवास स्थल भी है। मंदिर अपनी वास्तुकला के कारण अगल पहचान रखता है। मंदिर परिसर में एक विशाल त्रिशूल भी स्थित है, स्थानीय मान्यता है कि जब भगवान शिव ने कामदेव को मारने के लिए अपना त्रिशूल फेंका तो वह यहां गढ़ गया। त्रिशूल की धातु अभी भी सही स्थित में है।
पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव मंदिर
मध्य हिमालय क्षेत्र में जिले की उर्गम घाटी में समुद्र तल 2134 मीटर की ऊंचाई पर पंच केदारों में पांचवा केदार मंदिर है कल्पेश्वर। जहां अन्य चार केदारों के कपाट शीतकाल के लिये बंद हो जाते हैं। वहीं कल्पेश्वर मंदिर के कपाट शीतकाल में भी श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिये खुल रहते हैं।
उमा देवी मंदिर कर्णप्रयाग
चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे पर पंच प्रयागों में से एक कर्णप्रयाग नगर में भगवान शिव की अर्द्धंगनी पार्वती का मंदिर उमा देवी के नाम से स्थापित है। यहां माता उमा की पौरणिक शिला मूर्ति व मंदिर दर्शनीय है।
अन्य दर्शनीय स्थल
इसके साथ ही जिले में निजमुला घाटी, देवताल, बेनीताल, रुपकुंड, लोहाजंग, लार्ड कर्जन रोड, पोखरी का बामनाथ मंदिरों और पर्यटक स्थलों के दीदार किये जा सकते हैं।