
सुरंग से बाहर निकाले गए पार्टस दिखाते इंजीनियर व श्रमिकँ
राज्य प्रवक्ता
दुनिया के चौथे सबसे बड़े रेक्स्यू ऑल वेदर रोड की सिलक्यारा सुरंग से श्रमिकों को निकालने का अभियान जारी है। अमेरीकन ऑगर मशीन ही एक सहारा है और मशीन के भीतर बार-बार लोहे के टुकड़े फंसने से ड्रिलिंग रोकनी पड़ रही है। मशीन में लोहे के टुकड़े फंसने के बाद कुछ श्रमिक भीतर प्रवेश कर रहे हैं और लोहे को काट कर फंसी हुई मशीन को छुड़ा रहे हैं। ऐसे में पांच से छह घंटे का समय लग रहा है। मशीन को अब रफ्तार में नहीं बल्कि धीमी गति से चलाया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि तेज गति से चलाने पर मशीन टूट सकती है और ऐसे में ऑपरेशन भी असर पड़ेगा। अच्छी बात यह है कि सभी 41 श्रमिक भीतर सुरक्षित हैं और उन्हें खाद्य पदार्थ समेत अन्य सभी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध हो रही हैं।

सिलक्यारा में एक अस्थाई मीडिया सेंटर बनाया गया है और इस सेंटर में भी प्रेस ब्रिफिंग की जा रही है। सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के अपर सचिव और एनएचआईडीसीएम के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने संयुक्त रूप से पत्रकारों से बातचीत की बताया कि ऑगर मशीन से 45 मीटर के बाद ड्रिलिंग शुरू करते हुए कुल 1.8 तक ड्रिलिंग पूरी कर ली गई थी। इस प्रकार कुल 46.8 से आगे की ड्रिलिंग के बाद धातु के टुकड़े मशीन में फंसने से ड्रिलिंग रोक दी गई थी। तत्पश्चात श्रमिकों द्वारा पाइप के मुहाने पर फंसे धातु के टुकड़ों को पाइप के अंदर रेंगकर काट दिया गया है। शुक्रवार को ऑगर मशीन स्थापित कर ड्रिलिंग शुरु करते हुए 1.2 मीटर अतिरिक्त ड्रिलिंग की गई थी। इस प्रकार कुल 48 मीटर तक ड्रिलिंग की थी। उन्होंने बताया कि पाइप के आख़िरी सिरे पर फंसे धातु के टुकड़ों से पाइप क्षतिग्रस्त हुआ है। जिसके बाद क्षतिग्रस्त 1.2 मीटर पाइप को काटकर बाहर निकाला गया। बताया कि अब तक कुल 46.8 मीटर पाइप सुरंग के भीतर पहुंच पाया है। आगे की ड्रिलिंग पूरी सावधानी के साथ शुरू की जायेगी। इस दौरान सचिव, उत्तराखंड शासन डॉ. नीरज खैरवाल, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी मौजूद रहे।
सीएम ने भी लिया जायजा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार देर शाम सिलक्यारा टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का जायज़ा लिया। इस दौरान उन्होंने टनल में चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि तीव्र गति, एवं पूरी सावधानी के साथ अंतिम चरण के रेस्क्यू ऑपरेशन को संचालित किया जाए। उन्होंने कहा यह अत्यंत चुनौतीपूर्ण और जोखिम भरा रेस्क्यू अभियान है। टनल में फंसे 41 लोगों की बहुमूल्य जिंदगी को बचाने की जिम्मेदारी हम सब पर है।

अभियान में जुटे लोगों को पूरी दक्षता, क्षमता, तत्परता और सावधानी के साथ मिशन को कामयाब बनाने में दिन रात जुटे रहना होगा। इस काम के लिए संसाधनों की कोई भी कमी नहीं होने दी जाएगी। इस दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल बी.के सिंह, सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन, अपर सचिव (सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार) एवं एम.डी (एनएचआईडीसीएल ) महमूद अहमद, कमिश्नर गढ़वाल मंडल विनय शंकर पांडे, विधायक संजय डोभाल, विधायक सुरेश चौहान, रेस्क्यू आभियान के समन्वयक सचिव डॉ. नीरज खैरवाल, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला, एसडीएफआर कमाडेंट मणिकांत मिश्रा, पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।