मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होगी हाई पावर कमेटी की बैठक
राज्य प्रवक्ता
सिलक्यारा सुरंग के रेस्क्यू को लेकर तमाम केंद्र और राज्य की एजेसियां दिनरात काम कर रही है लेकिन 13 दिन बाद भी श्रमिकों को बाहर निकालने में सफलता नहीं मिल पा रही है। नये अपडेट के अनुसार शुक्रवार क ऑगर मशीन के ब्लेट टूट गए थे और अब ब्लेट बाहर निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। पहली कोशिश है कि ऑगर मशीन को फिर से तैयार कर शेष सुरंग में पाइप डाला जाए लेकिन कई बार की कोशिशों के बाद भी सफलता नहीं मिली। एक बार फिर मशीन को तैयार करने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल ड्रिलिंग कल से ठप है और अब वर्टिकल ड्रिलिंग 88 मीटर नीचे तक करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। मशीन को शीर्ष पर ले जाने की तैयारी चल रही है। वर्टिकल खुदाई में भी सब कुछ ठीक रहा तो चार से पांच दिन का समय लग सकता है। संभावना है कि चार से पांच दिन लग सकते हैं।
इधर सरकार रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर हाई लेवल कमेटी की बैठक करने जा रही है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में रेस्क्यू कर रही सभी एजेंसियों के साथ कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। बैठक के लिए देहरादून से मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू भी सिलक्यारा पहुंच गए हैं। बैठक में रेस्क्यू प्लान को लेकर आगे की रणनीति की जाएगी। सूत्रों के हवाले यह भी पता चला है कि सरकार रेस्क्यू कार्य में आर्मी की मदद ले सकती है। वर्टिकल के साथ ही होरिजेंटल खुदाई का भी बैठक में निर्णय लिया जा सकता है। आरवीएनएल को होरिजेंटल ड्रिलिंग की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है और यह 172 मीटर लंबी टनल बनाएगी। बहरहाल अब देखना यह है कि बैठक में क्या निर्णय लिया जाता है। उधर श्रमिकों ने भीतर से संदेश दिया कि वे स्वयं खोद कर बाहर निकलेंगे। श्रमिकों के हौसले बुलंद है लेकिन बाहर आने के लिए उनके मन में छटपटाहट लगातार बढ़ रही है।