राज्य के अलग-अलग हिस्सों में हुई तीन घटनाएं
राज्य प्रवक्ता
पहाड़ों में गुलदार आए दिन घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं, कई घरों की बेटे-बेटी और मां गुलदार के शिकार हुए हैं। असल में गुलदारों की संख्या में तेजी से बढ़ रही है और उत्तराखंड के जंगलों में गुलदारों की संख्या अधिक हो गई है ऐसे में उनका शिकार भी कम हो रहा है और अन्य जानवरों की संख्या घट रही है। तेजी से बढ़ते गुलदारों की संख्या को देखते हुए वन विभाग अभी भी गंभीर नजर नहीं आ रहा, बल्कि विभाग गुलदारों की संख्या बढ़ने पर पीठ थपथपा रहा है। इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग के सचिव आरके सुधांशु को निर्देश दिए हैं कि गुलदारों से मानव के जीवन को बचाने के लिए कार्य योजना तैयार की जाए। विभाग कब तक कार्य योजना बनाता है और क्या बनाता है, यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन वनों के आसपास रहने वाले लोगों का जीवन खतरे में है।
12 साल के बच्चे के सिर पर गुलदार ने गढ़े पंजे
देहरादून शहर की आबादी के बीचों-बीच कैनाल रोड से सटे इलाके संघोवाली रिस्पना नदी में 12 साल के बच्चे पर बाघ ने हमला कर दिया। घटना उस समय हुई जब चार बच्चे नदी के पास खेल रहे थे। अचानक बाघ आया और एक बच्चे पर हमला बोल दिया। गनीमत ये रही की बाघ बच्चे को साथ ले जाने में नाकाम रहा और शोर होने पर वहां से भाग गया। घायल बच्चे को दून हॉस्पिटल आईसीयू में भर्ती करावाया गया। वन विभाग की टीम ने मौके पर कोम्बिंग की। जाखन चौकी इंचार्ज विकेंद्र के मुताबिक घटना 14 जनवरी की शाम करीब सवा छह बजे की है। बताया कि कंडोली इलाके के रहने वाले चार बच्चे नदी के आस पास खेल रहे थे। इन दिनों नदी का ज्यादातर हिस्सा सुखा है। बच्चों ने कुछ लकड़ी भी जमा की हुई थी। इस दौरान बाघ ने निखिल पुत्र शेरबहादुर निवासी कंडोली के ऊपर बाघ ने अचानक हमला कर दिया। आस बास मौजूद बच्चों और लोगों ने शोर मचा दिया। जिससे बाघ भाग निकाला। बताया कि निखिल के पिता मूल रूप से नेपाली है और मजदूरी करते है। बाघ ने निखिल के सिर के पिछले हिस्से में हमला किया है। जिससे बच्चा लहूलुहान हो गया। माना जा रहा है कि बाघ गर्दन दबोचने की फिराक में था। जिसमें वह कामयाब नहीं हो सका।
लोगों में दहशत
जिस इलाके में यह घटना हुई है। वह कैनाल रोड से कुछ ही दूरी पर है। बाला सुंदरी मंदिर के सामने से जाने वाले मार्ग पर पुल के पास ही यह घटना हुई है। इस इलाके के आस पास घनी आबादी और पॉश कॉलोनी है। लोगों की लगातार इस इलाके में आवाजाही बनी रहती है। बाघ के इस हमले के बाद से क्षेत्र के लोग दहशत में है।
26 दिसम्बर : सिंगली में बच्चे को उठा ले गया था गुलदार
तीन सप्ताह के भीतर देहरादून में गुलदार और बाघ के हमले की ये दूसरी बड़ी घटना है। बीती 26 दिसम्बर की रात देहरादून के सिंगली गांव में चार साल के बच्चे को गुलदार घर के आंगन से उठा ले गया था। चार साल के बच्चे का शव तो बरामद कर लिया गया था। लेकिन, तमाम प्रयास के बावजूद वन विभाग गुलदार को पकड़ने में अब तक नाकाम है।
मां के सामने तेंदुए ने बच्चों को मार डाला
वहीं, 14 जनवरी को ही ऊधमसिंहनगर के नानकमत्ता में भी गुलदार के हमले का एक और मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक चारा काट रही मां के सामने ही खेत में खेल रहे चार वर्षीय मासूम को तेंदुए ने मार डाला। शोर मचाने पर तेंदुआ बच्चे को छोड़कर भाग गया। गले पर तेंदुए के दांत लगने से बच्चे की मौत हुई है। घटना रविवार शाम करीब पांच बजे की है। ग्राम टुकड़ी की रहने वाली सुखविंदर कौर चार साल के बेटे जसवंत सिंह को लेकर गांव की अन्य महिलाओं के साथ पशुओं के लिए खेत से चारा लेने गई थी।
खटीमा घोसी कुआं में भी गुलदार का हमला
14 जनवरी को तड़के ऊधमसिंहनगर के खटीमा घोसी कुआं में भी गुलदार के हमले की घटना हुई। बताया गया कि घर के आंगन में सो रहे तीन लोगों पर गुलदार ने हमला किया। जिसमे दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया कि नीरज सिंह के पुत्र नीतेश की शादी का शनिवार को रिसेप्शन था। रिशेप्शन खत्म होने के बाद रिश्तेदार घर के आंगन में सो गए। रविवार तड़के आंगन में सो रहे अनुराग राणा और दिनेश सिंह पर गुलदार ने हमला बोल दिया। इसके बाद गुलदार ने रजनीश राणा पर भी हमला किया। शोर सुनकर गुलदार जंगल की तरफ भाग गया। घायलों का उपचार चल रहा है।