राज्य प्रवक्ता
श्री महंत देवेंद्र दास की अगुवाई में आज झंडे जी का उत्साह और उमंग के साथ आरोहण हो गया। हजारों-हजारों लोगों की भीड़ इस पवित्र अवसर पर झंडे जी का जयकारों करते हुए गुरु का आशीर्वाद और प्रसाद लिया। देहरादून शहर की आन-बान-शान झंडे जी के इस उत्सव में कई प्रदेशों से श्रद्धालु देहरादून पहुंचे। गुरु के प्रति असीम आस्था लेकर श्री महंत देवेंद्र दास की झलक पाने और उन्हें निकट से देखने के लिए भी लोगों उमड़े।
दरबार साहिब का पवित्र सरोवर
देहरादून की पहचान ऐतिहासिक दरबार साहिब का पवित्र सरोवर (झंडा तालाब) अब अपने नए रंग-रूप में वर्ष भर श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करेगा। शनिवार को झंडेजी के आरोहण और ऐतिहासिक झंडे मेले के साथ ही सरोवर को भी श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। दरबार साहिब की स्थापना के साथ ही दून घाटी के नगरीय स्वरूप की शुरुआत हुई। देहरा नगर में प्रतिवर्ष होली के पांचवें दिन आरंभ होने वाले झंडा मेला ने जहां गढ़वाल मंडल सहित उत्तर भारत में ख्याति अर्जित की, वहीं दरबार साहिब परिसर में स्थित सरोवर की भी आरंभ से ही विशिष्ट पहचान रही है। स्थानीय लोग इसे झंडा तलब के नाम से जानते रहे हैं। 1980 के दशक तक सरोवर की गहराई काफी हुआ करती थी और इसमें नहर के जरिए पूरे वर्ष निरंतर पानी रहता था।
कभी यहां पहुंचता था ईस्ट कैनाल का पानी
गढ़वाल राज्य की प्रसिद्ध रानी कर्णावती (जिनके नाम पर करनपुर नगर बसा) ने राजपुर में रिस्पना नदी से नहर निकलवाई थी, जिसे अंग्रेजों ने पक्का करवाया। यही नहर ब्रिटिशकाल में ईस्ट कैनाल (ईसी) कहलाई। दिलाराम बाजार से यह नहर दो हिस्सों में विभाजित होती थी। मुख्य नहर ईसी रोड की ओर चली जाती है, जबकि ब्रांच कैनाल राजपुर रोड-पल्टन बाजार-धामावाला (नहर वाली गली) होते हुए झंडा तालाब पहुंचती थी। उस समय तक दरबार साहिब का सरोवर खुला रहता था। बाद में एहतियात के तौर पर इसकी गहराई को कम करने के साथ ही सरोवर को तत्कालीन श्रीमहंत इंदिरेश चरण दास ने पक्का करवा दिया। इस बीच, नहर भी बंद कर दी गई और सरोवर में पानी भी सिर्फ झंडा मेले के अवसर पर ही भरा जाने लगा।
तालाब का नया रूप
अब दरबार साहिब का यही सरोवर नए आकर्षण के साथ सामने है। दरबार साहिब के मौजूदा श्रीमहंत देवेंद्र दास ने झंडा तालाब का सौंदर्यीकरण करवाया है। इसके बीचों-बीच भी निर्माण करवाया गया है, जहां रात्रि के समय रंग-बिरंगा प्रकाश आकर्षण का केंद्र बन रहा है। सरोवर के जिस हिस्से में शिव और राम मंदिर हैं, वहां एक ओर श्रद्धालुओं के लिए चेंजिंग रूम भी बनवाया गया है। सरोवर में प्रवेश के लिए चारों ओर चार विशाल गेट पहले ही बनवाए जा चुके थे, जिन्हें अब और आकर्षक रूप दिया गया है। चारों ओर हरियाली भी मनोहारी दृश्य उत्पन्न कर रही है। सरोवर में अब हर समय पानी रहेगा। इस सब के चलते यह शहर के बीचों-बीच श्रद्धालुओं के अलावा भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।