राज्य प्रवक्ता
प्रदेश के नगर निकायों में तैनात प्रशासकों का कार्यकाल छह महीने और बढ़ाना लगभग तय है्। निकायों में प्रशासकों का कार्यकाल दो जून को समाप्त हो रहा है लेकिन अभी तक चुनाव की कोई तैयारी नहीं आ रही है। ऐसे में प्रशासकों का कार्यकाल छह माह बढ़ना लगभग तय है। प्रशासकों का कार्यकाल छह माह बढ़ाने के बाद यदि जुलाई प्रथम सप्ताह तक निकाय चुनाव नहीं हो पाए तो फिर चुनाव की संभावना अक्टूबर माह बन रही है। वजह जुलाई-अगस्त के मानसून सीजन में पहाड़ों में चुनाव काफी कठिन होते हैं। 15 सितम्बर तक मंगलौर व बदरीनाथ सीट पर विधायकों के उप चुनाव भी होने हैं।
सामान्य तौर पर प्रशासकों का कार्यकाल छह माह ही होता है, इस अवधि में नए चुनाव कराए जाने अनिवार्य है लेकिन नए चुनाव से पहले आरक्षण का निर्धारण की प्रक्रिया शुरू तक नहीं हो पाई है। इसके लिए एकट में संशोधन करते हुए ओबीसी आरक्षण का दायरा बढ़ाया जाता है और यह कैबिनेट की बैठक की जरिए ही होगा लेकिन लोकसभा चुनाव आचार संहिता के चलते बैठक नहीं हो सकती। अब यदि तेजी से काम भी शुरू किया जाए तो दो से तीन महीने का समय तो लग ही जाएगा। फिलहाल निकाय चुनाव अब टल गए हैं और चुनाव की तैयारियों में जुटे लोगों का इंतजार अब बढ़ गया है।