पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ जारी,
राज्य प्रवक्ता
सहकारिता की फर्जी सोसायटी बनाकर 189 करोड़ के गबन के मामले में पांच अधिकारियों व कर्मचारियों को पौड़ी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सहकारिता बैंक के पकड़े गए अधिकारियों व कर्मचारियों से पुलिस ने कड़ी पूछताछ की है और अब प्रदेश के कई अलम्बर दार इस मामले में एडजेस्ट करने की कोशिशों में जुट गए हैं।
पौड़ी पुलिस के हाथ आज एक बड़ी सफलता लगी है। पुलिस ने अन्तर्राज्यीय फर्जी कॉपरेटिव सोसाइटी का भंडाफोड़ किया है और फर्जी सोसायटी के माध्यम से उत्तराखंड में 92 करोड़ और देश के कई अन्य जिलों में फर्जी सोसायटी बनाकर कुल 189 करोड़ के गबन का मामला पकड़ा गया है। ‘द लोनी अरबन मल्टी स्टेट क्रेडिट एण्ड ट्रेफ्ट कोआपरेटिव सोसायटी’ की शाखा दुगड्डा के खिलाफ कोतवाली कोटद्वार में मुकदमा अपराध संख्या 142/24, धारा 420 भारतीय दंड विधान के तहत पंजीकृत किया गया है। बता दें कि लगातार शिकायतों के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह ने अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार की अध्यक्षता में एक जांच टीम का गठन किया था।
जांच टीम ने साक्ष्य संकलन करते हुए पाया कि आईडीपीएम बीरभद्र ऋषिकेश में वर्ष 2016 में आईडीपीएल में सोसाइटी की ब्रांच की स्थापना की गई। उत्तराखण्ड में कॉपरेटिव की लगभग 35 शाखाएं खुलवाई गई। गढ़वाल मंडल में पौड़ी के दुगड्डा, कोटद्धार, सतपुली, श्रीनगर, और जनपद देहरादून के साथ ही रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी आदि में भी शाखाएं खुलवायी गई। मास्टरमाइंड जीसीएस बिष्ट ने अपने अधीन 4 मुख्य चेस्ट ब्रांच हेड नियुक्त किए। चेस्ट ब्रांचों का कार्य अन्य शाखाओं से पैसा लेना व जीसीएस बिष्ट के माध्यम से आगे भिजवाने का था, यह कार्य अब तक चल रहा था। पैसा कहां और कैसे गया इसकी जांच चल रही है । सोसायटी के विरुद्ध कोतवाली ललितपुर, उत्तर प्रदेश में वर्ष 2024 में 5 अभियोग दर्ज है और मध्य प्रदेश में भी अभियोग पंजीकृत हैं। बताया जा रहा है कि सोसायटी के तार दुबई से भी जुड़े हैं।
बयान
एलयूसीसी सोसायटी को उत्तराखण्ड में संचालित करने वाले पांच लोग गिरफ्तार किए गए हैं और अभी और गिरफ्तारियां संभव हैं। ये लोग विदेश में निवेश के नाम पर लोगों से पैसा लेते थे सोसायटी के खाते से एक अरब नब्बे लाख का ट्रांजेक्शन हुआ है। जबकि सोसायटी के खाते में कुल दो लाख रुपये हैं। इस मामले के तार दुबई से भी जुड़े हुए हैं और सहकारिता से जुड़े कई बड़े नाम इसमें शामिल हैं।
लोकेश्वर सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पौड़ी