हरियाली देवी की यात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने की शिरकत
महिलाओं ने गाए मंगल के गीत, तो ब्राहमणों ने पढ़ी वेद ऋचाएं
राज्य प्रवक्ता
उत्तराखंड के जनपद रुद्रप्रयाग के तहत हरियाली देवी की कांठा यात्रा धनतेरस की रात्रि को निकाली गई। हरियाली देवी की उत्सव डोली को फूल-मालाओं से सजाया गया। देर शाम सूर्य की रक्तिम रौशनी में जसोली मंदिर से मां हरियाली देवी के मायके योगमाया के बालस्वरूप हरियाली देवी की यात्रा में जसोली गांव की स्थानीय महिलाओं ने मांगलिक गायनों के साथ डोली को हरियाली पर्वत की ओर विदा किया।
ढोल नगाड़ों और शंखध्वनि के साथ काफी संख्या में श्रद्धालुओं की मौजूदगी में जसोली गांव से हरियाली देवी की डोली हरियाल पर्वत की ओर रवाना हुई। इसके बाद हरियाली के मूल मंदिर में पूजा-अर्चना की गई। मंगलवार को डोली हरियाल डांडा से जसोली मंदिर पहुंची। ग्रामीणों ने बताया कि यह एक मात्र देव यात्रा है जो रात के पहर में की जाती है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मां हरियाली की डोली के साथ जसोली गांव से दस किमी पैदल चलकर हरियाली के घने वनों के बीच से होकर अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त हरियाल पर्वत देवी के मायके मूल मंदिर में पहुंचे। जहां पर देवी के मायके पाबो गांव के लोगों ने डोली का भव्य स्वागत कर देवी को हरियाल पर्वत मंदिर में विराजमान किया। जिसके पश्चात् देवी के पुरोहितों द्वारा वेद मंत्रो के साथ पूजा-अर्चना की गई और गाय के दूध से निर्मित खीर का देवी को भोग लगाया गया। पूजा अर्चना समाप्त होने के पश्चात् देवी के हवन कुण्ड में भव्य हवन का आयोजन किया गया, जिसमें 108 गायत्री तथा देवी मंत्रों के साथ आहुति दी गयी। और हवन समाप्त होने के बाद सभी भक्तों को प्रसाद देकर देवी की डोली को पुुनः जसोली लिए रवाना की गई।