राज्य प्रवक्ता
करोड़ों हिंदुओं के आस्था और विश्वास के प्रतीक भगवान केदारनाथ के कपाट 3 नवम्बर को भैया दूज के दिन बंद होने जा रहा है। कपाट बंद होने की तैयारियां जोरों पर है, केदारनाथ जी के कपाट बंद से पहले भगवान भुकुंट भैरव के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। शीतकाल के लिए भुकुंट भैरव के कपाट मंगलवार को पूरे विधि-विधान और पारंपरिक रीति-रिवाज से किए गए। पूर्वाह्न 11:30 बजे केदारनाथ मंदिर से पुजारी शिवशंकर लिंग सहित बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अधिकारी तीर्थ पुरोहित समाज व पंचपंडा समिति के पदाधिकारी भैरवनाथ मंदिर पहुंचे। भुकुंट भैरवनाथ के जलाभिषेक के बाद पूजा-अर्चना के साथ भोग समर्पित कर हवन यज्ञ संपन्न किया। इस अवसर पर विश्व कल्याण व चारधाम यात्रा के निर्विघ्न समापन की प्रार्थना गई। इसके पश्चात अपराह्न डेढ़ बजे भगवान भैरवनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस मौके पर मंदिर समिति पूर्व कार्याधिकारी आरसी तिवारी, केदारनाथ मंदिर प्रभारी अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, वेदपाठी स्वयंबर सेमवाल, केदार सभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, पूर्व अध्यक्ष विनोद शुक्ला, पंचपंडा समिति अध्यक्ष अमित शुक्ला, भैरवनाथ पश्वा अरविंद शुक्ला, कुलदीप धर्म्वाण, ललित त्रिवेदी, प्रबल सिंह रावत आदि मौजूद रहे।