राज्य प्रवक्ता
आज चटख धूप है, दो शनिवार और रविवार को बर्फबारी से श्वेत पहाड़ियां शीशे की तरह चमक रही है। दूर बुग्यालों में बर्फ के मैदान मन को मोह रहे हैं। उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग की खूबसूरती और अधिक बढ़ गई है। विश्व प्रसिद्ध धाम केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री भी बर्फ की चादर ओढे हुए हैं। यहां नजारा कुछ और ही है। मैदानी इलाकों में ठंड है तो पर्वतीय इलाकों में शीतलहर।
फिलवक्त आज बात करते हैं उत्तरकाशी जिले में स्थित केदारकांठा की। केदारकांठा उत्तरकाशी जिले में समुद्रतल से लगभग 12,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। जिला मुख्यालय उततरकाशी से करीब 220 किलोमीटर दूर केदारकांठा शीतकालीन पर्यटन स्थल है। मोरी ब्लॉक के सांकरी यहां तक पहुंचने के लिए 11 किलोमीटर की पैदल ट्रेकिंग करनी होती है। बीते वर्ष यानि 2024 में यहां से लेकर नए वर्ष के आगमन तक 8,000 से अधिक पर्यटक केदारकांठा पहुंचे। केदारकांठा ट्रेक खूबसूरत बर्फीली चोटियों, घने देवदार के जंगलों, और शांत पहाड़ी गांवों के लिए मशहूर है। सर्दियों में यह पूरी तरह से बर्फ से ढका रहता है इसलिए इसे विंटर ट्रेकिंग का स्वर्ग कहा जाता है।
यहां से स्वर्गरोहिणी, बंदरपूंछ और काला नाग जैसी चोटियों के पास होने का अहसास होता है। केदारकांठा की ट्रैकिंग प्राकृतिक सुंदरता और रोमांचकारी अनुभव से भरी यह अद्भुत यात्रा है। हिमालय की यात्राओं के शौकिन पथारोहियों इसे प्रकृति के कंठ की संज्ञा देते हैं। कहते हैं कि केदारकांठा ट्रेक सिर्फ एक साहसिक यात्रा नहीं, बल्कि प्रकृति को करीब से महसूस करने का एक अनूठा अनुभव है। यह ट्रेक न केवल हिमालय की अद्भुत सुंदरता दिखाता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।