केंद्र सरकार को घी-बटर जैसे डेयरी प्रोडक्ट के किल्लत की आशंका है। हालांकि, इससे निपटने के लिए प्लान बना लिया गया है। सरकार के मुताबिक कोविड-19 महामारी के बाद पौष्टिक, सुरक्षित और स्वच्छ दूध या डेयरी प्रोडक्ट्स की बढ़ती मांग की वजह से इस सेक्टर में कुल मांग और आपूर्ति में कुछ अंतर देखा जा रहा है।
क्या है सरकार का प्लान: सरकार के मुताबिक गर्मी के मौसम में दूध की आपूर्ति कम हो सकती है। कई डेयरी सहकारी समितियों की ओर से संरक्षित डेयरी उत्पादों जैसे कि मिल्क फैट और पाउडर के आयात की मांग की जा रही थी। इसे ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) भारत सरकार के साथ मिलकर मांग और आपूर्ति की निगरानी कर रहा है।
बयान में कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर गर्मियों के सीजन में आयात किया जा सकता है। हालांकि, उस स्थिति में भी यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इसका इंतजाम केवल NDDB के जरिए ही किया जाए और उचित ढंग से आकलन करने के बाद जरूरतमंद यूनियनों को बाजार मूल्य पर स्टॉक दिया जाए।