राज्य प्रवक्ता
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा पुरानी पेंशन बहाली के लिए लगातार संघर्ष कर रहा है। मोर्चा का यह आंदोलन पर्यावरण संरक्षण के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण है, ये एक पहला संगठन है जो पुरानी पेंशन के लिए आंदोलन के दौरान पौधे रोप रहा है। सर्व हित करते हुए अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहा है। मोर्चा ने हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 12 जुलाई को एक वृक्ष पुरानी पेंशन के नाम कार्यक्रम चलाया।
मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत ने कहा कि हमारा उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ अपनी जायज मांग को जन-जन के बीच रखना है। मोर्चा के प्रदेश प्रभारी विक्रम सिंह रावत ने कहा कि मोर्चा हमेशा सकारात्मक रूप से अपनी बात रखता रहा है।
प्रदेश महासचिव सीताराम पोखरियाल ने बताया कि एनपीएस कार्मिकों के जोश को देखते हुए पुरानी पेंशन के नाम पर वृक्षारोपण कार्यक्रम 16 जुलाई तक निरंतर चलता रहेगा, प्रदेश और जनपद पदाधिकारी सहयोग करते रहेंगे। सीताराम ने बताया कि पिछले कई सालों से मोर्चा पौधे रोप रहा है अब तक प्रदेश में एक लाख से अधिक पौधे रोपे जा चुके हैं। उन्होंने कहा है कि पुरानी मोर्चा ने कोविड जैसी महामारी से लेकर विभिन्न अवसरों पर समाजोपयोगी कार्य किए हैं। जिस प्रकार पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ आवश्यक हैं, उसी प्रकार बुढ़ापे के लिए पुरानी पेंशन भी आवश्यक है। राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने जोर देकर कहा कि पुरानी पेंशन बहाली मांग के लिए प्रदेश में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
उत्तरांचल मिनिस्ट्रियल फेडरेशन के प्रदेश महामंत्री मुकेश बहुगुणा ने कहा है कि मात्र एक दिन के कार्यकाल में भी विधायक सांसद पुरानी पेंशन के हकदार हो जाते है तो सरकारी कर्मचारियों के साथ दोहरा मापदंड क्यों, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष जयदीप रावत ने जानकारी दी कि पर्यावरण संरक्षण और पुरानी पेंशन के महत्व को देखते हुए पौधरोपण कार्यक्रमों को तीन दिनों तक बढ़ा दिया गया है।
मोर्चा ने सभी अधिकारियों, शिक्षकों व कर्मचारियों का आह्वान किया कि पौध रोपण करते रहे। पौधारोपण मंे एजुकेशनल मिनिस्ट्रीयल ऑफीसर्स के प्रदेश महामंत्री साबर सिंह रौथाण ने कहा है कि कर्मचारियों की जमा पूंजी शेयर बाजार में न लगा कर उनको बुढ़ापे का सहारा पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाए।
संजय भास्कर मण्डलीय मंत्री उत्तराखण्ड पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संघ बबिता रानी, रश्मि गौड, शशि चौधरी, अवधेश सेमवाल, पुरुण सिंह फर्सवान, जसपाल रावत, गिरीश पनेरू, प्रवीण घाघड़, राजीव उनियाल, मुरली मनोहर भट्ट, भवान सिंह नेगी, मनोज काला, संदीप मैठाणी, लक्ष्मण सिंह रावत आदि ने प्रतिभाग किया।